तुम गए, दरवाज़ा क्यूँ खुला छोड़ दिया तुमने
मुझे जाने दिया होता ,दरवाज़ा बंद किया होता ।
मुझे चोरी का डर तो नही होता ,
मुझे डर तो नही होता,
मुझे डर है इसका नही की मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास है ।
पर डर है की तुम जो वापस प् आए तो मैं कहाँ रहूँगा ।
तुम्हे छोड़ आया हूँ तो लगता है की रोक लेना था
की तुम्हारे घर का दरवाज़ा मुझसे नही लगता
bahut sundar...
ReplyDeleteyahaan bhi tashreef layein
http://merastitva.blogspot.com
बहुत सुन्दर लिखा आपने, बधाई.
ReplyDeleteकभी मेरे ब्लॉग शब्द-शिखर पर भी आयें !!
तुम्हे छोड़ आया हूँ तो लगता है की रोक लेना था
ReplyDeleteकी तुम्हारे घर का दरवाज़ा मुझसे नही लगता
....Bahut Khoob !! Keep it up.